कल फिर एक नयी सुबह होगी कदमो के नीचे ये जहां और निगाह आसमान पर इस चाह को पूरा करने कि फिर से वही दौड़ होगी |
हर दिन नहीं आती जीत हिस्से में अविजित होते हैं लोग, सिर्फ कहानी किस्से में एक हार से जिंदगी नहीं तेरी तबाह होगी लड़ने को हो जा तैयार कल फिर एक नयी सुबह होगी |
कुछ लिखना चाहता हूँ पर विषय की तलाश है हँसना चाहता हूँ पर खुशियाँ नहीं पास हैं कब बरसेगा वो अम्बर मेरे मन को प्यास है मिल जाए इक ख़ुशी जिसकी कबसे आस है फिर से न जाने क्यों आज ये दिल उदास है ||
कहते हैं खोजने पर खुदा भी मिल जाता है तो सोचने पर विषय भी मिल ही जाएगा कितना भी रोके खुदको लेकिन मौसम आने पर ये अम्बर भी बरस ही जाएगा ||